हनुमान जी को सिंदूर कैसे अर्पित करें: विधि, महत्व और लाभ
हनुमान जी को सिंदूर (वर्मिलियन) अर्पित करना एक पवित्र हिंदू परंपरा है, जो भक्ति, शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक है। हनुमान जी, जो श्रीराम के परम भक्त हैं, अक्सर सिंदूर से लिप्त रूप में दर्शाए जाते हैं। यह परंपरा धार्मिक मान्यताओं और हिंदू ग्रंथों में गहराई से निहित है।
इस गाइड में, हम हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करने की सही विधि, इसके आध्यात्मिक लाभ, और इस पूजन की धार्मिक मान्यता के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करने का महत्व
यह परंपरा एक अद्भुत पौराणिक कथा से जुड़ी हुई है:
हनुमान जी और सिंदूर की कहानी
रामायण के अनुसार, एक दिन हनुमान जी ने माता सीता को अपने मस्तक पर सिंदूर लगाते हुए देखा। जिज्ञासावश उन्होंने इसका कारण पूछा। माता सीता ने उत्तर दिया कि वह यह श्रीराम की लंबी उम्र और उनके कल्याण के लिए करती हैं।
हनुमान जी, जो भगवान राम के परम भक्त थे, ने सोचा कि यदि थोड़े से सिंदूर से भगवान राम की आयु लंबी हो सकती है, तो पूरे शरीर पर सिंदूर लगाने से वे अमर हो सकते हैं। अतः, उन्होंने अपने संपूर्ण शरीर को सिंदूर से रंग लिया। भगवान श्रीराम उनकी भक्ति से अत्यंत प्रसन्न हुए और कहा कि जो भी भक्त हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करेगा, उसे शक्ति, सुरक्षा और समृद्धि का आशीर्वाद मिलेगा।
हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करने के लाभ
भक्तों का मानना है कि हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने से अनेकों शुभ फल प्राप्त होते हैं:
✅ बुरी शक्तियों से रक्षा – हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।
✅ साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि – मनोबल और मानसिक शक्ति को बढ़ाता है।
✅ शत्रुओं पर विजय – हनुमान जी की कृपा से विरोधियों पर विजय प्राप्त होती है।
✅ इच्छाओं की पूर्ति – नियमित रूप से सिंदूर अर्पित करने से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
✅ स्वास्थ्य लाभ – हनुमान जी की पूजा करने से स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करने की विधि
हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
1. पूजन की तैयारी
- स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को स्वच्छ करें और एक शुद्ध वातावरण तैयार करें।
2. आवश्यक सामग्री
- सिंदूर (शुद्ध व प्राकृतिक) – इसे सरसों के तेल या घी के साथ मिलाया जा सकता है।
- सरसों का तेल/घी – सिंदूर को लगाने के लिए।
- स्वच्छ कपड़ा – मूर्ति को साफ करने के लिए।
- फूल (विशेष रूप से गेंदा) – पूजन के लिए।
- गुड़ और लड्डू – हनुमान जी को प्रिय प्रसाद।
- अगरबत्ती (धूपबत्ती) – वातावरण को शुद्ध करने के लिए।
- हनुमान चालीसा या हनुमान स्तोत्र – पूजा के दौरान पाठ करने के लिए।
3. हनुमान जी को सिंदूर लगाने की विधि
चरण 1: एक दीपक (दीया) और अगरबत्ती जलाकर पूजा स्थल को पवित्र करें।
चरण 2: हनुमान जी के समक्ष फूल और प्रसाद अर्पित करें।
चरण 3: थोड़ा सा सिंदूर लें और उसे सरसों के तेल या घी के साथ मिलाकर लेप तैयार करें।
चरण 4: दाहिने हाथ से हनुमान जी के मस्तक, छाती और चरणों पर सिंदूर लगाएँ।
चरण 5: सिंदूर अर्पित करते समय “ॐ हनुमते नमः” मंत्र का जाप करें या हनुमान चालीसा का पाठ करें।
चरण 6: पूजा के बाद, हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए हाथ जोड़कर प्रार्थना करें।
सिंदूर अर्पित करते समय ध्यान देने योग्य बातें
- हमेशा शुद्ध और प्राकृतिक सिंदूर का उपयोग करें।
- महिलाएँ हनुमान जी को सिंदूर अर्पित कर सकती हैं, लेकिन इसे स्वयं नहीं लगाएँ।
- मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से सिंदूर अर्पित करने का महत्व होता है।
- रासायनिक सिंदूर का प्रयोग न करें, प्राकृतिक सिंदूर ही उचित माना जाता है।
भारत के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर जहाँ सिंदूर चढ़ाया जाता है
भारत में कई प्रसिद्ध मंदिर हैं जहाँ हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करने की परंपरा है:
1. हनुमान गढ़ी, अयोध्या
यहाँ हर मंगलवार और शनिवार को भक्त हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करते हैं।
2. संकट मोचन हनुमान मंदिर, वाराणसी
यहाँ हनुमान भक्त विशेष सिंदूर चढ़ाकर संकटों से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं।
3. महावीर हनुमान मंदिर, पटना
यहाँ की हनुमान प्रतिमा सिंदूर से पूर्ण रूप से लिप्त रहती है।
4. जाखू मंदिर, शिमला
यहाँ 108 फीट ऊँची हनुमान मूर्ति पर भक्त सिंदूर अर्पित करते हैं।
निष्कर्ष
हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करना एक अत्यंत पवित्र और फलदायी साधना है। यह न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह साहस, शक्ति और आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है। जो भक्त सच्चे मन से हनुमान जी की उपासना करते हैं, उन्हें अखंड शक्ति, सुरक्षा और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
🚩 जय बजरंग बली! जय श्रीराम! 🚩