हनुमान जी के बाएं पैर पर सिंदूर लगाने का महत्व और लाभ
हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करना हिंदू धर्म में भक्ति, शक्ति और विजय का प्रतीक माना जाता है। परंपरागत रूप से, हनुमान जी के मस्तक, छाती और चरणों पर सिंदूर लगाया जाता है। लेकिन विशेष रूप से हनुमान जी के बाएं पैर पर सिंदूर लगाने को अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है।
इस लेख में, हम हनुमान जी के बाएं पैर पर सिंदूर लगाने के धार्मिक, ज्योतिषीय और आध्यात्मिक लाभ के बारे में विस्तार से जानेंगे।
हनुमान जी के बाएं पैर पर सिंदूर लगाने की मान्यता
1. पौराणिक संदर्भ
हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करने की परंपरा की उत्पत्ति रामायण में बताई गई है। जब हनुमान जी ने माता सीता को अपने मस्तक पर सिंदूर लगाते हुए देखा, तो उन्होंने पूरा शरीर सिंदूर से रंग लिया ताकि श्रीराम की दीर्घायु सुनिश्चित हो।
इससे संबंधित एक अन्य मान्यता यह भी है कि हनुमान जी के चरणों पर सिंदूर अर्पित करने से भक्तों के सभी संकट समाप्त हो जाते हैं। खासकर बाएं पैर पर सिंदूर लगाने से विशेष रूप से नकारात्मक ऊर्जाओं और ग्रह दोषों का शमन होता है।
2. आध्यात्मिक और तांत्रिक दृष्टिकोण
- बायां पैर विनम्रता और सेवा का प्रतीक माना जाता है। जब भक्त हनुमान जी के बाएं पैर पर सिंदूर लगाते हैं, तो यह उनके अहंकार को नष्ट कर भक्ति मार्ग पर अग्रसर करता है।
- तांत्रिक परंपरा में, यह राहु, केतु और शनि के प्रभाव को कम करने का एक प्रभावी उपाय माना जाता है।
- कुछ ग्रंथों में उल्लेख है कि जो भक्त हनुमान जी के बाएं पैर पर सिंदूर लगाता है, वह अपने जीवन में कठिनाइयों और बाधाओं से शीघ्र मुक्त हो जाता है।
3. ज्योतिषीय महत्व
- ज्योतिष में शनि ग्रह का प्रभाव जीवन में कठिनाइयाँ लाता है, और हनुमान जी को शनि ग्रह के शांतिदायक देवता के रूप में पूजा जाता है।
- हनुमान जी के बाएं पैर पर सिंदूर लगाने से शनि, राहु और केतु के अशुभ प्रभावों में कमी आती है।
- जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष या शनि की साढ़ेसाती हो, उन्हें विशेष रूप से शनिवार के दिन हनुमान जी के बाएं पैर पर सिंदूर लगाना चाहिए।
हनुमान जी के बाएं पैर पर सिंदूर लगाने के लाभ
1. नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से बचाव – यह व्यक्ति को बुरी शक्तियों और दुष्ट आत्माओं के प्रभाव से बचाता है।
2. आर्थिक समृद्धि – यह उपाय आर्थिक बाधाओं को दूर कर व्यापार और करियर में सफलता दिलाता है।
3. शनि ग्रह की शांति – शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने का यह एक अचूक उपाय माना जाता है।
4. मानसिक शांति और साहस में वृद्धि – हनुमान जी के चरणों पर सिंदूर लगाने से मन को शांति और निडरता मिलती है।
5. शत्रुओं पर विजय – यदि कोई व्यक्ति शत्रुओं से परेशान हो, तो हनुमान जी के बाएं पैर पर सिंदूर चढ़ाने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
हनुमान जी के बाएं पैर पर सिंदूर लगाने की सही विधि
1. आवश्यक सामग्री
- शुद्ध सिंदूर (सरसों के तेल या घी में मिलाया हुआ)
- अगरबत्ती और दीपक
- गुड़ और लड्डू (हनुमान जी का प्रिय प्रसाद)
- गेंदा के फूल
- हनुमान चालीसा या हनुमान अष्टक का पाठ करने के लिए पुस्तक
2. पूजन विधि
चरण 1: स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें और पूजा स्थान को साफ करें।
चरण 2: हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के समक्ष दीपक और अगरबत्ती जलाएँ।
चरण 3: थोड़ा सा सिंदूर लें और उसे सरसों के तेल या घी में मिलाएँ।
चरण 4: दाहिने हाथ से हनुमान जी के बाएं पैर पर हल्के से सिंदूर लगाएँ।
चरण 5: सिंदूर अर्पित करते समय “ॐ हनुमते नमः” मंत्र का जाप करें।
चरण 6: हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ करें।
चरण 7: अंत में, हनुमान जी से आशीर्वाद लेकर प्रसाद ग्रहण करें।
सिंदूर अर्पित करते समय ध्यान देने योग्य बातें
✅ हमेशा शुद्ध और प्राकृतिक सिंदूर का उपयोग करें।
✅ महिलाएँ हनुमान जी को सिंदूर अर्पित कर सकती हैं, लेकिन स्वयं नहीं लगा सकतीं।
✅ मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से सिंदूर अर्पण का महत्व होता है।
✅ अगर किसी की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या राहु-केतु दोष हो, तो उसे नियमित रूप से यह उपाय करना चाहिए।
निष्कर्ष
हनुमान जी के बाएं पैर पर सिंदूर लगाने की परंपरा अत्यंत शुभ और फलदायी मानी जाती है। यह भक्तों के जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने, मानसिक शांति देने, शनि ग्रह के प्रभाव को कम करने और समृद्धि बढ़ाने का एक प्रभावी उपाय है।
यदि कोई व्यक्ति भक्ति भाव से इस अनुष्ठान का पालन करता है, तो उसे हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह एक आध्यात्मिक और ज्योतिषीय उपाय है जो जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सफलता और शक्ति प्रदान करता है।
🚩 जय बजरंग बली! जय श्रीराम! 🚩