हनुमान जी का जन्म – How was Hanuman born?
हनुमान जी हिंदू धर्म में एक प्रमुख देवता हैं। वे भगवान राम के सबसे वफादार भक्तों में से एक हैं। उनके जन्म के बारे में कई मान्यताएं और कथाएं हैं। हनुमान जन्मोत्सव की पौराणिक कहानी का सबसे प्रमुख स्रोत रामायण है। रामायण के अयोध्याकांड में हनुमान के जन्म का वर्णन मिलता है। इसके अलावा, वायु पुराण, विष्णु पुराण और अन्य हिंदू पौराणिक ग्रंथों में भी हनुमान के जन्म और जीवन के बारे में जानकारी मिलती है। इस लेख में, हम हनुमान के जन्म के बारे में कुछ प्रमुख मान्यताओं पर चर्चा करेंगे।
वायुदेव के अंश से जन्म
एक मान्यता के अनुसार, हनुमान का जन्म वायुदेव के अंश से हुआ था। जब राजा दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया था, तो उन्हें एक खीर का प्रसाद मिला था। उन्होंने उसे अपनी तीन रानियों के बीच बांट दिया था। एक कौआ उस खीर का एक टुकड़ा उठाकर ले गया और उसे एक गुफा में गिरा दिया। वहां अंजनी नाम की एक अप्सरा तपस्या कर रही थी। उन्होंने उस खीर को भगवान शिव का प्रसाद मानकर खा लिया। इससे वे गर्भवती हो गईं। वायुदेव ने उनके गर्भ में प्रवेश करके उनका पालन-पोषण किया। इस प्रकार, हनुमान का जन्म हुआ।
इस कथा के अनुसार, हनुमान का जन्म एक अप्सरा के गर्भ से हुआ था। लेकिन, उनके पिता वायुदेव थे। वायुदेव एक देवता हैं, जो हवा के देवता हैं। इसलिए, हनुमान को वायुपुत्र भी कहा जाता है।
शिव के अंश से जन्म
एक अन्य मान्यता के अनुसार, हनुमान का जन्म शिव के अंश से हुआ था। जब शिव और पार्वती का विवाह हुआ था, तो देवताओं ने उन्हें अनेक उपहार दिए थे। उनमें से एक उपहार एक फल था, जिसे वज्रांग फल कहते थे। उस फल में शिव का अंश था। शिव और पार्वती ने उस फल को अपने आश्रम में रखा था। एक दिन, वायुदेव ने उस फल को चुरा लिया और उसे एक गुफा में फेंक दिया। वहां अंजनी नाम की एक अप्सरा तपस्या कर रही थी। उन्होंने उस फल को भगवान शिव का प्रसाद मानकर खा लिया। इससे वे गर्भवती हो गईं। वायुदेव ने उनके गर्भ में प्रवेश करके उनका पालन-पोषण किया। इस प्रकार, हनुमान का जन्म हुआ।
इस कथा के अनुसार, हनुमान का जन्म एक अप्सरा के गर्भ से हुआ था। लेकिन, उनके पिता शिव थे। शिव भगवान हैं, जो सृष्टि के पालनहार हैं। इसलिए, हनुमान को शिवावतार भी कहा जाता है।
उपसंहार
हनुमान के जन्म के बारे में कई मान्यताएं और कथाएं हैं। लेकिन, सभी मान्यताओं में एक समानता यह है कि हनुमान का जन्म एक गुफा में हुआ था। वह गुफा अब झारखंड के गुमला जिले के आंजन नामक गाँव में है। वहां एक मंदिर भी है, जिसे हनुमान जन्म स्थान मंदिर कहते हैं।
अतिरिक्त जानकारी
बड़े होकर हनुमान भगवान राम के अनन्य भक्त बने। उन्होंने रामायण के कथाक्रम में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाईं। उन्होंने सीता की खोज में राम की सहायता की, लंका पर आक्रमण किया और रावण को मारा। हनुमान की वीरता और भक्ति ने उन्हें हिंदू धर्म में एक प्रमुख देवता बना दिया है।
हनुमान जी को संकटमोचन कहा जाता है। वे अपने भक्तों के संकटों को दूर करने वाले हैं। वे बल, बुद्धि, विद्या और शौर्य के प्रतीक हैं। वे हिंदू धर्म में सबसे लोकप्रिय देवताओं में से एक हैं।