भगवान हनुमान, रामायण के प्रिय पात्र, अपनी शक्ति, भक्ति और भगवान राम के प्रति निष्ठा के लिए पूजे जाते हैं। भक्तों के मन में अक्सर यह सवाल उठता है, “हनुमान जी के भाई कितने थे?” इस विस्तृत लेख में हम हनुमान जी के भाइयों, उनकी दिव्य उत्पत्ति और हिंदू पौराणिक कथाओं में उनकी महत्ता का अन्वेषण करते हैं।
हनुमान जी के भाई कितने थे?
हनुमान जी, अंजना और केसरी के पुत्र, को वायु देव का पुत्र माना जाता है, जिसके कारण उन्हें पवन पुत्र कहा जाता है। हिंदू शास्त्रों, विशेष रूप से पुराणों और क्षेत्रीय ग्रंथों के अनुसार, हनुमान जी के चार दिव्य भाई थे। ये भाई भी वायु के पुत्र हैं, और उनके नाम हैं:
- भीम: महाभारत के शक्तिशाली पांडव, जो अपनी अपार शक्ति के लिए प्रसिद्ध हैं।
- मध्वाचार्य: कुछ परंपराओं में द्वैत वेदांत के संस्थापक संत को वायु का अवतार माना जाता है।
- वासुदत्त: कुछ क्षेत्रीय ग्रंथों में वायु के पुत्र के रूप में उल्लिखित।
- प्राणदत्त: पुराणों में वायु के एक अन्य पुत्र के रूप में जाना जाता है।
हनुमान जी के भाइयों में भीम सबसे प्रसिद्ध हैं, जबकि अन्य भाई विशिष्ट ग्रंथों या क्षेत्रीय परंपराओं में उल्लेखित हैं।
भीम के साथ संबंध
हनुमान जी के भाइयों की सबसे रोचक कहानी महाभारत में भीम के साथ उनकी मुलाकात है। वायु के पुत्र होने के नाते, हनुमान और भीम का एक विशेष बंधन है। एक प्रसिद्ध कथा में, हनुमान, एक वृद्ध वानर के रूप में, भीम की शक्ति की परीक्षा लेते हैं। भीम उनकी पूंछ को उठाने में असमर्थ रहते हैं और हनुमान की दिव्यता को पहचान लेते हैं।
यह कहानी हनुमान जी के भाइयों की शक्ति और विनम्रता को दर्शाती है।
हनुमान जी के भाइयों की महत्ता
हनुमान जी के भाई वायु की विविध शक्तियों का प्रतीक हैं, जो शारीरिक बल (भीम), बौद्धिक ज्ञान (मध्वाचार्य), और दैवीय कृपा (वासुदत्त और प्राणदत्त) को दर्शाते हैं। उनकी कहानियां रामायण और महाभारत को जोड़ती हैं। भक्त हनुमान चालीसा का पाठ कर हनुमान और उनके भाइयों का आशीर्वाद मांगते हैं।
हनुमान जी के भाइयों को सम्मान देने की रीतियां
हनुमान जी और उनके भाइयों को सम्मान देने के लिए सरल रीतियां:
- पूजा: हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें, सिंदूर चढ़ाएं, और केले अर्पित करें।
- जप: हनुमान चालीसा या वायु स्तुति का पाठ करें।
- उपवास: मंगलवार या शनिवार को उपवास रखें।
- दान: भोजन या वस्त्र दान करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न: हनुमान जी के कितने भाई थे?
हनुमान जी के चार भाई थे: भीम, मध्वाचार्य, वासुदत्त और प्राणदत्त।
प्रश्न: भीम हनुमान के भाई कैसे हैं?
दोनों वायु के पुत्र हैं, जो उन्हें भाई बनाता है।