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हनुमान चालीसा के लेखक कौन थे?

हनुमान चालीसा के लेखक कौन थे?

हनुमान चालीसा, भगवान हनुमान को समर्पित एक भक्ति भजन, लाखों भक्तों द्वारा शक्ति, सुरक्षा और आध्यात्मिक उत्थान के लिए गाया जाता है। लेकिन इस कालजयी रचना को किसने लिखा? हनुमान चालीसा के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास थे, जो 16वीं शताब्दी के भारतीय कवि-संत, दार्शनिक और भगवान राम के भक्त थे।

तुलसीदास ने 1574-1580 ईस्वी के आसपास अवधी भाषा में हनुमान चालीसा की रचना की। इस 40 छंदों (चालीसा का अर्थ है “चालीस”) की रचना में भगवान हनुमान की शक्ति, भक्ति और दिव्य गुणों की प्रशंसा की गई है। किंवदंती के अनुसार, तुलसीदास ने गहरी भक्ति की स्थिति में यह रचना की, और ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी के दर्शन से प्रेरित होकर उन्होंने यह भजन लिखा।

हनुमान चालीसा का महत्व

हनुमान चालीसा केवल एक भजन नहीं है, बल्कि एक आध्यात्मिक उपकरण है, जिसके बारे में माना जाता है कि यह:

चालीसा के प्रत्येक छंद में हनुमान जी के गुणों का वर्णन है, जैसे उनकी बुद्धि, शक्ति और राम भक्ति। इसकी लयबद्ध छंद और सरल भाषा इसे सभी उम्र के भक्तों के लिए सुलभ बनाती है।

तुलसीदास: हनुमान चालीसा के रचयिता

1532 ईस्वी में उत्तर प्रदेश के राजापुर में जन्मे तुलसीदास भक्ति साहित्य में एक पूजनीय नाम हैं। उनकी प्रमुख कृति रामचरितमानस ने रामायण को अवधी में प्रस्तुत कर आम जन तक पहुंचाया। हनुमान चालीसा, हालांकि छोटी रचना है, तुलसीदास की हनुमान के प्रति गहरी भक्ति को दर्शाती है। वाराणसी का संकट मोचन हनुमान मंदिर तुलसीदास की स्मृति से गहराई से जुड़ा हुआ है।

प्रश्न: तुलसीदास ने हनुमान चालीसा कब लिखी?
तुलसीदास ने इसे 1574-1580 ईस्वी के आसपास अवधी में लिखा।

प्रश्न: हनुमान चालीसा इतनी शक्तिशाली क्यों है?
इसके छंद हनुमान जी के दिव्य गुणों का आह्वान करते हैं, जो बाधाओं को दूर करने और सुरक्षा प्रदान करने में सहायक माने जाते हैं।

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